Thursday 5 April 2018

मास्टरमाइंड - शुभानंद

मास्टमाइंड - शुभानन्द

अभी अभी मास्टरमाइंड पढकर खत्म की है... बहुत ही रोमांचक उपन्यास है.  शुभानन्द सर की कलम से निकली कहानी कहीं भी बोर नहीं करती और एक बार पढना शुरू करने के बाद पूरा करके ही उठने को मन करता है.

जावेद-अमर-जॉन की जोड़ी खूब जंची है. रिंकी भी इनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलती दिखी. रिंकी की अमर के साथ दुकड़ी देखकर मुझे लग रहा रहा था कि इसे  J A J R सिरीज में लिखने की योजना होगी.

        मास्टरमाइंड का रहस्य अंत तक बना रहा. कहानी बीच बीच में कई मोड़ लेती हुई  मास्टरमाइंड का इशारा दूसरी तरफ कर देती थी और अंत में भी यही लगा था कि  मास्टरमाइंड कोई और है और कहानी का असली मास्टरमाइंड उसका मोहरा मात्र है. कहानी वाकई में रहस्य की परतों से लबरेज है जिसे  जावेद-अमर-जॉन के साथ  रिंकी की चौकड़ी मिलकर उधेड़ डालती है. जावेद जैसा खुर्राट जासूस भी जिके प्लान में फंस जाए वह वाकई में जबरदस्त गेमर होगा...

मेरा तो एक ही मशवरा है कि जिसने भी इसे नहीं पढा है वह एक बार इसे पढे जरूर...

समीक्षक-
सतवीर वर्मा 'बिरकाळी'- No. 9112003232
हनुमानगढ़, राजस्थान

No comments:

Post a Comment