आहुति- कुशवाहा कांत
सामाजिक उपन्यासकार कुशवाहा कांत का उपन्यास आहुति सम्राट अशोक के जीवन का एक काल्पनिक पक्ष हमारे सामने प्रस्तुत करता है।
सम्राट अशोक वृद्धावस्था में अपनी श्रेष्ठ परिचारिका से शादी कर लेते हैं। जवान परिचारिका और वृद्ध राजा का मिलन तन का ही होता है मन का नहीं।
सम्राट अशोक के अस्वस्थ होने पर सारा शासन कार्य परिचारिका के हाथ में आने पर वह अपनी कुटिल प्रवृति जाहिर कर देती है और जिसकी सजा अशोक के पुत्र कुणाल को भुगतनी पङती है।
कुणाल की श्रत्राणी पत्नी कांचन इस षडयंत्र का पता चलाकर विद्रोह करती है और अंत में अन्याय का पर्दाफाश करती है।
यह उपन्यास बहुत ही रोचक है। पाठक एक बार आरम्भ करने पर समापन करके ही उठता है। इसकी कहानी काल्पनिक होकर भी सत्य के नजदीक है।
उपन्यास- आहुति
लेखक- कुशवाहा कांत
लेखक की अन्य जानकारी यहाँ उपलब्ध है-
http://sahityadesh.blogspot.in/search/label/कुशवाहा%20कांत?m=0
No comments:
Post a Comment