Tuesday 21 November 2017

चलीसा का रहस्य by सबा खान

समिक्षा
चालीसा का रहस्य by डॉ रुनझनु
सक्सेना शुभानन्द  अनुवाद सबा खान

इस पुस्तक की तारीफ में  मैं शब्द तलाश नही कर पा रहा हूँ । वाह क्या बुक है सच मे लाजवाब । ये बुक डॉ रुनझनु जी के वेदों और साइंस के बारे में जानकारी का एक अदभुत खजाना है । जिसका हर पेज हर पेरागर्फ़ हर शब्द आपको सोचने पर मजबूर करता है । एक रहस्य व रोमांच से भरपूर दमदार बुक सिर्फ एक ही अफसोस है इसे पढ़ने में मैंने इतनी देर कर दी । हनुमान चालीसा के गूढ़ रहस्य को इतने सुंदर शब्दों में व्यख्यान शायद ही आपको कहीं पढ़ने को मिले साथ मे लेखिका  ने अपने पेशे से जुड़े ऐसे ऐसे रहस्यों से पर्दा उठाया है कि पढने वाला अपने दाँतो तले उंगली दबा ले सबसे ज्यादा जो बातें पसन्द आयी वो है लेखिका का रहस्य को लास्ट पेज तक बरकरार रखना और उसे परत दर परत खोलना
ओर अनुवादक लेखिका सबा खान जी के बारे में कुछ कहना सूरज को दिया दिखाने के समान है शायद ही ओर कोई इस पुस्तक का इतना सटीक अनुवाद कर पाता मैंने कवँल शर्मा जी द्वारा अनुवादित सिर्फ एक ही अनुवाद पढ़ा है और में बिना किसी शक ओ सुबह के लेखिका को उनके समांतर खड़े पाता हूँ सबा खान जी बारे में अगली समीक्षा आखिरी दाँव में लिखूंगा जिसे अभी शुरू करने वाला हुँ  सूरज पॉकेट बुक्स  का भविष्य बहुत ही उज्वल है । वास्तव में आपका काम सरहानीय है इतने अच्छे पेपर पर इतनी कम कीमत रखना वास्तव में बहुत मेहनत का काम है ।
अतः आप सभी जिसने अभी तक यह बुक नही पढ़ी । आप एक नए रोमांच से वंचित रह गए तुरन्त आर्डर करें । सूरज पॉकेट बुक ने अभी कुछ दिन पहले एक प्रश्न किया था 2017 कि 5 favrate बुक ।  मैं आज नी संकोच  इस बुक को अपने पूरे जीवन की कुछ खास चुनिंदा पसंदीदा बुक में शामिल करता हूँ ।
कहते है बुक की समीक्षा में अगर उसकी खामियों के विषय मे अगर न लिखा  जाए तो समिक्षा अधूरी होती है  मेरी नजर में सिर्फ दो खामियां है
1 पुस्तक में लेखिका का लेखकीय न होना ।
2 पुस्तक में चरित्रों की उम्र वगैरह को 1,2,3, की जगह शुद्ध हिन्दी में लिखा गया है जो मेरे सिर के ऊपर से गया अब आज के जमाने मे इतनी शुद्ध हिन्दी किसे आती है भई
ओवर आल नॉवल बहुत जबरदस्त है जरूर पढ़ें
धन्यवाद सहित
राममेहर सिंह

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