Monday 23 April 2018

रिवेंज- एम.इकराम फरीदी

रिवेंज- एम.इकराम फरीदी, समीक्षक- अमित वधवानी

रिवेंज रवि पॉकेट बुक्स से प्रकाशित लेखक MD Md Ikram Faridi जी की कालक्रमानुसार गल्प साहित्य में पाँचवी रचना है। कवर सुंदर बन पड़ा है लुगदी उपन्यास होने के बावजूद  पेपर क्वालिटी बेहतरीन तथा प्रिंटिंग उत्कृष्ट है रिवेंज हर मुक़ाबले में MD Ikram Md Ikram Faridi जी की अब तक प्रकाशित रचनाओं से बेहतर बन पड़ी है।

               कहानी का कसाव, रहस्य, संवाद और मुख्य किरदारों खासकर उग्रसेन तथा मैना का चरित्र चित्रण तथा उनके बीच पनपता रोमांस उसपे उग्रसेन का शायराना अंदाज़ और मैना की ख़ूबसूरती का इतना सजीव और सुंदर वर्णन और इसके अलावा सोने पे सुहागा कहानी इतनी चुस्त और रेज़रफ्तार बन पड़ी है की पाठक इसे एक ही बैठक में पढ़े बिना रुक नहीं पायेंगे।

             रिवेंज को फरीदी साहब का अब तक का श्रेष्ठ लेखन कहा जाए तो अतिश्योक्ति नहीं होंगी, इस बात से मैं सहमत हूँ की क़ातिल को आसानी से पहचाना जा सकता है, इस नावेल के अंत पे अगर फरीदी साहब और थोड़ी मेहनत करते तो यह 5स्टार रेटिंग वाली मिस्ट्री बन सकती थी।

            उग्रसेन का किरदार मंत्रमुग्ध करता और जासूस कौशिक को भी पराभूत कर देने वाला बन पड़ा है उम्मीद है लेखक महोदय इसे आगे भी रिपीट करेंगे, सिर्फ कमजोर अंत की वजह से मेरी तरफ से इस(5स्टार रैंकिंग) मिस्ट्री को 4.5/5 स्टार्स।
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समीक्षा- अमित वधवानी

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